मानसून की आहट और बरसात की शुरूआत होते ही जिले के किसान अब अपनी खेती-बाड़ी में जुट गए है। जिले के नवपदस्थ कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आज यहां खरीफ सीजन वर्ष 2022-23 की तैयारियों को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी, उप पंजीयक सहकारी संस्थाए, कृषि, मार्कफेड, सीसीबी नोडल, विपणन, और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की साझा बैठक बुलाई। कलेक्टर ने जिले को मिले खाद-बीज आंबटन और उनके भण्डारण तथा समितियों के माध्यम से किसानों तक वितरण व्यवस्था की पूरी गहनता से समीक्षा की।
कलेक्टर श्री महोबे ने किसानों के खेती-किसानी की तैयारियों को विशेष ध्यान में रखते हुए कहा कि जिले को मिले खाद-बीज के आबंटन के आधार पर उपलब्ध खाद एवं बीज समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों को वितरण सुनिश्चित करें। बैठक में यह भी बाताया गया कि जिले में डीएपी खाद की मांग अधिक है, लेकिन इस खाद की उपलब्धता मांग के तुलना में कम है। डीएपी खाद के विकल्प में सिंगल सुपर फास्फेट खाद खेती-किसानी के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी और गुणकारी है कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि डीएपी खाद के विकल्प के रूप में खेती-किसानी के लिए सिंगल सुपर फास्फेट खाद की महत्व को किसानों को बताने की जरूरत है। कृषि विभाग के अधिकारी अपने अमलो के माध्यम से किसानों को खेती-किसानी के लिए समसमायिक उचित और सही सलाह दे, ताकि किसान भाई अपनी बेहतर खेती-किसानी कर सके। कलेक्टर ने कहा कि खाद-बीज की उपलब्धता, भण्डारण एवं वितरण की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी।
बैठक में कृषि उपसंचालक श्री एमडी डड़सेना ने बताया कि जिले के खाद भण्डारण का कुल लक्ष्य 41750 मी.टन के विरूद्ध 32167 मी.टन उर्वरक प्राप्त हो चुका है। डी.ए.पी. की आपूर्ति अपेक्षाकृत कम हुई है। इसलिए आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए मार्कफेड को पत्र लिखा गया है। 29695 मी.टन खाद का भण्डारण समितियों में किया गया है और 26150 मी.टन खाद का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्री संदीप ठाकुर, डिप्टी डायरेक्टर कृषि श्री एम.डी. डड़सेना, उप पंजीयक सहकारी संस्थाए श्री भूपेन्द्र ठाकुर एवं सहकारिता, बीज निगम के अधिकारी, कर्मचारीगण उपस्थित थे।
डीएपी के विकल्प में सिंगल सुपर फास्फेट बहुत ज्यादा उपयोगी और गुणकारी- कृषि विभाग
कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि जिले के किसान उन्नत और स्वस्थ्य खेती करने के लिए डीएपी खाद के विकल्प में सुपर फास्फेट एस.एस.पी खाद का उपयोग कर बेहतर पैदावार पा सकते है। यहा बताया गया कि जिले में वर्तमान में जिले में 6062 मी.टन उर्वरक उपलब्ध है। जिसमें 2630 मी.टन सिंगल सुपर फास्फेट खाद उपलब्ध है। सिंगल सुपर फास्फेट में फास्फोरस 16 प्रतिशत और 11 प्रतिशत सल्फर पाया जाता है। इसलिए जिले के किसान भाई डी.ए.पी. के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट उपयोग कर सकते है। जिले के गौठानों में 10750 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध है। वर्मी कम्पोस्ट में 12 प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते है। इसलिए वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग भी खेत की तैयारी, रोपाई तथा बियासी के समय किया जा सकता है।
डी.ए.पी. के स्थान पर अन्य रासायनिक उर्वरकों का उपयोग निम्नानुसार किया जा सकता हैः-
क्र. फसल अनुशंसित खाद एवं मात्रा (प्रति एकड़)
यूरिया एसएसपी पोटास
1 धान 2 बोरी 3 बोरी 27 कि.ग्रा.
2 गन्ना 5 बोरी 4 बोरी 40 कि.ग्रा.
3 दलहन/तिलहन 18 कि.ग्रा. 2.5 बोरी 14 कि.ग्रा.
धान, कोदो तथा अरहर का कुल 450 क्विं. बीज उपलब्ध
बैठक में बताया गया कि जिले के कृषकों को विभिन्न फसलों के 5263 क्विंटल बीज समितियों के माध्यम से वितरण किया जा चुका है। समितियों में अभी भी धान, कोदो तथा अरहर का कुल 450 क्विंटल बीज उपलब्ध है। समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को समय पर खाद एवं बीज का शत-प्रतिशत् वितरण कराने निर्देश दिए। डी.ए.पी. के स्थान पर एस.एस.पी का उपयोग करने के लिए कृषकों को मैदानी अमलों के माध्यम से सलाह देने के लिए भी निर्देश दिए।

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