पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री नीलेश कुमार शाह ने जलशक्ति अभियान के तहत जिले में क्रियान्वयन को लेकर आज दोपहर को गंगरेल जलाशय स्थित शासकीय विश्राम गृह में बैठक ली। इस अवसर पर कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा उपस्थित रहे।  बैठक में संयुक्त सचिव श्री शाह ने कहा कि धमतरी जिला जल संसाधन से परिपूर्ण जिला है और जल संरक्षण के क्षेत्र में अनेक अच्छे कार्य हो रहे हैं। इसके अलावा इस अभियान के तहत कार्ययोजना तैयार कर और भी बेहतर काम होने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि नदियों की शाखाएं जहां पर और स्रोत आपस में मिलते हैं, वहां पर जल संरक्षित करने के उपाय किए जा सकते हैं। बैठक में संयुक्त सचिव ने कृषि प्रधान जिले में पानी की खपत को दृष्टिगत करते हुए जल संरक्षण के लिए आवश्यक और विवेकपूर्ण उपाय करने के लिए कहा। इस मौके पर श्री शाह ने जलशक्ति अभियान पर आधारित पुस्तिका का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री एल्मा ने अभियान के अंतर्गत जिले में किए जा रहे कार्यों व गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी देते हुए जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी श्री उपेन्द्र चंदेल ने बताया कि “कैच दि रैन-2022“ कैंपेन के अंतर्गत जिले में उक्त अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने जिले की भौगोलिक स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि धमतरी जिले में प्रदेश की जीवनदायिनी महानदी सहित चार बड़े जलाशय गंगरेल, सोंढूर, दुधावा और मुरूमसिल्ली स्थित हैं। यह भी बताया गया कि लगभग आठ लाख की आबादी और 52 प्रतिशत वनक्षेत्र वाले इस जिले में 78 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र है। इस दृष्टिकोण से जलशक्ति अभियान से जिले में जल स्तर में वृद्धि करने के लिए यह बेहतर और उपयुक्त प्लेटफॉर्म साबित होगा। बैठक में प्रशिक्षु डीएफओ सुश्री ग्रीष्मी चांद, राज्य तकनीकी सलाहकार सुश्री प्रियंका सोनवर्षा, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन श्री ए. के. पालडिया सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे

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