कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने बुधवार को जिले के विकासखण्ड साजा के गौठान ग्राम-राखी में ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजनांतर्गत संचालित विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण किया। ग्रामीण औद्योगिक पार्क राखी को ग्रामीण उत्पादन एवं सेवा केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। गौठानों में संचालित गतिविधियों-वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, गोबर गैस उत्पादन, गोबर गैस से जनरेटर द्वारा बिजली उत्पादन, बाड़ी में सब्जी उत्पादन एवं केला तना रेशा निष्कासन इकाई में रेशा से निर्मित विभिन्न हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद, रेशा से निर्मित पेपर, केला तना जल न्युट्रियेन्ट इत्यादि कार्याें का सूक्ष्म अवलोकन कर सफल संचालन हेतु मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
कलेक्टर द्वारा जिला एवं विकासखण्ड के अधिकारियों/कर्मचारियों को गौठान के लिए व्यवस्थित अभिन्यास तैयार करने हेतु आदेशित कर संबंधित सभी विभागीय कार्यो का समय-समय पर जानकारी प्रस्तुत करने को कहा गया। कलेक्टर के द्वारा गांव के अन्य किसानों की समस्याओं एवं गोबर की खरीदी की समीक्षा भी की गई। गौठान के समीप अमरैया तैयार करने की कार्ययोजना बनाए जाने के लिए अधिकारियों को आदेशित किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रंजीत सिंह राजपूत के द्वारा राखी गौठान में संचालित केला तना रेशा उत्पादन इकाई की संपूर्ण जानकारी दी गई। केला तना रेशा से विभिन्न उत्पाद बनाने का कार्य गौठान ग्राम राखी की 34 महिलाओं द्वारा विभिन्न सह इकाईयों में कार्य संपादित कर किया जा रहा है। केला तना रेशा उत्पादन इकाई में 12 महिलाओं द्वारा रेशा निष्कासन, केला जल एवं केला पल्प निष्कासन का कार्य किया जा रहा है। डॉ राजपूत ने केला तना के विभिन्न उत्पाद जैसे रेशा, केला पल्प एवं केला जल से उच्च गुणवत्ता युक्त तरल जैविक न्युट्रियेंट तैयार किए जाने की कार्ययोजना के बारे में बताया। वर्तमान में महिला समूहों द्वारा उत्पादित रेशा में से 2 टन रेशा गुजरात की टेक्सटाईल कम्पनी को बेचा जा चुका है। केला तना पल्प से रेशा निकालकर हस्त निर्मित पेपर का निर्माण कर फाईल फोल्डर, सर्टिफिकेट पेपर, विसिटिंग कार्ड, केरी बैग, गिफ्ट बॉक्स, डाक पैड इत्यादि तैयार किया जा रहा है।
कलेक्टर ने इकाई की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा के साथ ही इन कार्यों के भविष्य में स्थापित किए जाने की कार्ययोजना बनाए जाने में अपना मार्गदर्शन दिया एवं उनके द्वारा किसानों से केला तना लाए जाने से लेकर प्रत्येक तने से प्राप्त रेशा एवं अन्य उत्पादों के निर्माण की जानकारी भी ली गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. जितेन्द्र जोशी ने रेशा निष्कासन मशीन की कार्यशैली, क्षमता एवं अन्य मशीन/उपकरण की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। इनके द्वारा बताया गया कि एक परिपक्व केला तना से औसतन 200 ग्राम रेशा प्राप्त किया जा रहा है तथा 1-2 लिटर केला तना जल का निष्कासन भी किया जाता है। रेशा निष्कासन उपरांत प्राप्त पल्प से अच्छी गुणवत्ता का जैविका खाद एवं पल्प में सम्मिलित 60 प्रतिशत रेशा का निष्कासन कर काडेªड रेशा से हैण्ड मेड पेपर बनाया जा सकता है। केला तना के केन्द्रीय भाग से रीपा अंतर्गत आचार, कैण्डी इत्यादि खाद्य पदार्थ का निर्माण भी किया जाएगा।
कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय ने केला तना रेशा के विपणन संबंधित कार्य के बारे में बताया। उनके द्वारा बताया गया कि केला तना रेशा से किस प्रकार महिलाएं बुनकर की प्रशिक्षण प्राप्त कर हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के ऑफिस बैग, कान्फ्रेन्स बैग, फाईल फोल्डर, चटाई, लेडीज पर्स, परदा एवं रेशा से कपड़ा एवं साड़ी निर्माण इत्यादि तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला पंचायत सी.ई.ओ. श्रीमती लीना कमलेश मण्डावी, अपर कलेक्टर डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी, अनुविभागीय अधिकरी राजस्व साजा श्री धनराज मरकाम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत साजा श्रीमती क्रांति ध्रुव एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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