छत्तीसगढ़ कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को जमानत मिल गई। रानू साहू एक साल और दीपेश करीब डेढ़ साल से जेल में बंद था। ED ने दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला केस में गिरफ्तार किया था। दोनों की जमानत 7 अगस्त तक के लिए मंजूर की गई है।

वहीं दूसरी ओर EOW ने निलंबित IAS रानू साहू सहित जेल में बंद निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया और समीर बिश्नोई के खिलाफ नई FIR दर्ज की है। तीनों पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि नया केस 2 जुलाई को ही दर्ज कर लिया गया था।

EOW ने अपनी FIR में बताया है कि, रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं। उन्होंने लोकसेवक के रूप में कार्य करते हुये ये संपत्तियां अर्जित की। रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश की।

कोयला ट्रांसपोर्टरों से डीओ और टीपी परमिट जारी किए जाने के लिए 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली में सक्रिय सहयोग दिया। रानू साहू के जहां भी पदस्थ रहीं हैं, वहां पर किसी न किसी माध्यम से भ्रष्टाचार कर स्वयं को आर्थिक रूप से समृद्ध करती रहीं है। रानू साहू को अपनी सर्विस जॉइन करने के बाद से 31.10.2022 तक की स्थिति में वेतन के रूप में लगभग 92 लाख रुपए प्राप्त होने की जानकारी है।

जबकि अब तक उनके द्वारा लगभग 3 करोड़ 93 लाख 91 हजार 949 रुपए निवेश अचल संपत्ति में करने की जानकारी मिली है। इसके अलावा रानू साहू ने अचल संपत्ति, बीमा, शेयर, एसआईपी, में निवेश किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here