रायपुर/बिलासपुर- रायपुर-बिलासपुर-दुर्ग जैसे शहरों की बड़ी आबादी जलसंकट से जूझ रही है। दैनिक भास्कर के 14 रिपोर्टर ने 10 दिन बड़े शहरों और ग्रामीण इलाकों में ग्राउंड जीरो पर जाकर इसे महसूस किया। जलसंकट का असर सामाजिक ताने-बाने सहित आर्थिक स्थिति पर भी पड़ रहा है…

प्रदेश में जलसंकट से शहर औऱ् गांव दोनों प्रभावित हैं। शहरों में लो प्रेशर की समस्या है। टंकी में पानी भरते समय एक घंटे के लिए बिजली काटी जा रही है। यहां की 20 फीसदी आबादी पानी के लिए टैंकर के भरोसे है। वहीं गांवो में निस्तारी तक की समस्या है। कई किमी पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है। जल स्तर में इस गिरावट की मैपिंग करें तो प्रदेश के मध्य हिस्से के ब्लॉक क्रिटिकल या सेमी क्रिटिकल जोन में ज्यादा हैं। सबसे ज्यादा दुर्ग जिले के सभी बलॉक इस जोन में शामिल हैं।

भिलाई-दुर्ग निगम क्षेत्र: शहर की आबादी लगभग 10 लाख है। आधे से ज्यादा शहर को पानी निगम के पानी टंकी और बोर से मिलता है। शहर में 42 पानी टंकी और 1350 पंप है, जिससे घरों में पानी पहुंचता है। भिलाई में े 65% तो दुर्ग में 25 फीसदी इलाकों में कॉलोनियां हैं, जहां खुद के बोरवेल हैं। 15% आबादी को नगर निगम टैंकर से पानी की सप्लाई करता है। दोनो निगमों के पास 60 टैंकर है। भिलाई में खुर्सीपार छावनी क्षेत्र है, जहां करीब 40 से 45% आबादी सिर्फ टैंकर के भरोसे है।दुर्ग में उरला वार्ड है, जहां करीब 40 से 45% आबादी सिर्फ टैंकर के भरोसे है।

बिलासपुर निगम क्षेत्र: शहर की आबादी 5:25 लाख है। आधे शहर को पानी निगम के पानी टंकी और बोर से मिलता है। शहर में 52 पानी टंकी और 988 पंप है, जिससे घरों में पानी पहुंचता है। शहर के 25% इलाकों में कालोनिया है, जहां खुद के बोरवेल हैं। 25% आबादी को नगर निगम टैंकर से पानी की सप्लाई करता है।

निगम के पास 46 टैंकर है इसमें दो वॉटर लॉरी भी शामिल है। नगर निगम में सबसे ड्राई इलाका यानी सबसे जल संकट वाला क्षेत्र देवरी खुर्द है, जहां करीब 60 से 65% आबादी सिर्फ टैंकर के भरोसे है। यहां फिलहाल बिजली बंद नहीं की जा रही। यहाँ बिजली बंद नहीं कर रहे हैं। जबकि दुर्ग-भिलाई में एक घंटे कटौती की जा रही है।

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