बीजापुर- बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। इसके बारे में पुलिस विभाग के डीजीपी अरुणदेव गौतम और सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह बुधवार को बीजापुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि 24 दिन तक चले इस ऑपरेशन के दौरान 21 बार मुठभेड़ हुईं, जिसमें फोर्स ने 31 नक्सलियों को मार गिराया गया।
इनमें 17 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सली शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों पर 1 करोड़ 72 लाख रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित था। डीजीपी अरुणदेव ने बताया कि यह अभियान इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि नक्सलियों को लगता था कि इस इलाके में फोर्स नहीं आ सकती है। ऐसे में ऑपरेशन में शामिल 7 हजार जवानों ने 450 से ज्यादा आईईडी को नष्ट करते हुए नक्सलियों के पहाड़ पर कब्जा किया और उनके भ्रम को तोड़ दिया।
5वीं बार नक्सलियों ने जारी किया पर्चा| नक्सलियों के केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने शांतिवार्ता और युद्ध विराम के लिए फिर से एक पर्चा जारी किया है। हाल के दिनों में नक्सलियों की ओर से इस आशय का यह पांचवां पर्चा है। पर्चे में कहा- हमने केंद्र व राज्य सरकारों से अपील की थी कि युद्ध विराम की घोषणा कर शांति वार्ता शुरू की जाए।
नक्सलियों को लगता था कि फोर्स कर्रेगुट्टा तक नहीं आ सकती, जवानों ने भ्रम तोड़ा: डीजीपी
818 नग बीजीएल शेल समेत ये हथियार बरामद
इनमें नक्सलियों के पास से इंसास, बीजीएल, मेगा स्नाइपर, एसएलआर जैसे घातक हथियारों का बड़ा जखीरा भी मिला। इन ठिकानों व बंकरों में तलाशी के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर व भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। इसके साथ ही जवानों ने नक्सलियों की 4 तकनीकी इकाइयों को भी नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल शेल, देसी हथियार, आईईडी और अन्य हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था। इन तकनीकी इकाइयों से 4 लेथ मशीनें भी बरामद कर नष्ट की गई हैं।
इन 4 पाइंट्स से समझें कर्रेगुट्टा ऑपरेशन
पहाड़ी के चारों तरफ बिछाई थी 450 से ज्यादा आईईडी: अफसरों के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान जवानों ने पहाड़ तक पहुंचने के लिए 450 से ज्यादा आईईडी निष्क्रिय किए और कई आईईडी को मौके पर ही नष्ट कर दिया। जवानों और माओवादियों के बीच 21 बार सीधी मुठभेड़ हुई, जिसमें 18 जवान घायल भी हुए।
हथियार बनाने की कई फैक्ट्रियां और हॉस्पिटल भी मिले: ऑपरेशन के दौरान जवानों ने पहाड़ पर नक्सलियों की ओर से हथियार बनाने की कई फैक्ट्रियों को भी तबाह किया है। इसी पहाड़ पर नक्सली देसी हथियार बना रहे थे। पहाड़ पर नक्सलियों ने इलाज के लिए एक छोटा सा हॉस्पिटल भी बना रखा था।
पहाड़ी पर 250 से ज्यादा बंकर बना रखे थे: इसके अलावा जवानों ने इस पूरे इलाके में नक्सलियों की ओर से बनाए गये 250 से ज्यादा बंकरों को भी तबाह कर दिया है। इन बंकरों का निर्माण सुरक्षित रहने और जरूरत पड़ने पर फोर्स पर जवाबी हमले के लिए किया गया था।
दो साल का राशन और हथियार डंप कर रखा था: डीजीपी अरुणदेव गौतम ने बताया कि नक्सलियों ने पहाड़ पर 12000 किलो से ज्यादा राशन छिपा रखा था। इस राशन के जरिए नक्सली यहां दो साल आराम से गुजार सकते थे। इसके अलावा पहाड़ पर ऑपरेशन के दौरान जवानों ने भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किये हैं।
डाक्यूमेंट्री के जरिए बताया कि कैसे चलाया अभियान
मीडिया से चर्चा के दौरान इस ऑपरेशन से संबंधित एक डाक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसमें पहाड़ की लोकेशन, जवानों ने कैसे संघर्ष कर कर्रेगुट्टा पहाड़ फतह किया। डीजीपी गौतम ने बताया कि जवानों के अदम्य साहस का नतीजा है कि नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना अब फोर्स के कब्जे में है। जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर पहाड़ को फतह किया है। डीजीपी ने बताया कि इस पूरे इलाके में दो सौ से ज्यादा छोटी बड़ी बंकरनुमा गुफाएं भी मौजूद हैं, जो नक्सलियों के छिपने का ठिकाना बनती थी। यह पूरा ऑपरेशन इलाके को नक्सल मुक्त बनाने के लिए चलाया गया था।
नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में अभियान आगे बढ़ रहा है। इससे प्रभावित क्षेत्रों में शांति की स्थापना के साथ उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हम प्रतिबद्ध हैं। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
कर्रेगुट्टा बड़े नक्सल संगठनों का यूनिफाइड हेडक्वार्टर था। जहां लाल आतंक का राज था, वहां अब तिरंगा लहरा रहा है। देश मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त हो जाएगा। अमित शाह, गृह मंत्री
लाल आतंक के विरुद्ध चल रही इस निर्णायक लड़ाई में जवानों ने बहादुरी से नक्सलियों का सामना किया है। वह दिन दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ नक्सलमुक्त होगा। विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री