रायपुर- छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को समर्पित एक अनोखा तोहफा नवा रायपुर में आकार ले चुका है। राज्य का पहला ट्राइबल म्यूजियम अब पूरी तरह तैयार है, जो न सिर्फ जनजातीय समुदाय की परंपराओं को सहेजता है, बल्कि उन्हें जीवंत अंदाज में पेश भी करता है।

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में राज्य का पहला ट्राइबल म्यूजियम अब पूरी तरह तैयार है। आदिवासी इलाकों में जनजातीय समुदाय की परंपरा, उनके रहन-सहन, पहनावे, जेवर और उनकी मान्यताओं को दिखाती कई गैलेरीज हैं। - Dainik Bhaskar
छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में राज्य का पहला ट्राइबल म्यूजियम अब पूरी तरह तैयार है। आदिवासी इलाकों में जनजातीय समुदाय की परंपरा, उनके रहन-सहन, पहनावे, जेवर और उनकी मान्यताओं को दिखाती कई गैलेरीज हैं।

यह म्यूजियम छत्तीसगढ़ की जनजातियों के रहन-सहन, पहनावे, आभूषणों और आस्था से जुड़े पहलुओं को बेहद आकर्षक और जीवंत तरीके से दर्शाता है। म्यूजियम की गैलरियों में इंसानी आकार की मूर्तियां रखी गई हैं, जो किसी सजीव दृश्य का एहसास कराती हैं।

ट्राइबल म्यूजियम में हर मूर्ति एक्शन में है। कोई नाचते, कोई काम करते या पारंपरिक जीवन के किसी दृश्य को निभाते हुए नजर आती है। इन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो आप किसी आदिवासी गांव की गलियों में चल रहे हों, जहां हर मोड़ पर संस्कृति बोलती नजर आती है।

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