ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ भारत की शत्रुता के बाद प्रधानमंत्री की राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ यह पहली बैठक थी। पर्यटन की पिच से पता चलता है कि कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के बावजूद सरकार बेपरवाह बनी हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में नीति आयोग की बैठक के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। इस दौरान वह चाय की चुस्की का आनंद लेते हुए भी नजर आए। विपक्ष शासित मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की हंसते-मुस्कुराते फोटो सामने आईं।

कई तस्वीरें ऐसी भी आई जिसमें पीएम मोदी गर्मजोशी से विपक्षी मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं। तस्वीरों में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पीएम मोदी पीठ थप-थपाते हुए भी नजर आ रहे हैं। वही भगवंत मान के साथ उनके अच्छी चर्चा भी दिख रही है। हालांकि, सभी मुलाकातों में एक सामान्य चीज यह रही कि प्रधानमंत्री के साथ हमेशा चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद रहे। हाल में देखें तो केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच तनातनी की स्थिति देखने को मिली। आज एमके स्टालिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बॉन्डिंग भी अच्छी लगी जब दोनों आपस में बातचीत कर रहे थे।

 

ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ भारत की शत्रुता के बाद प्रधानमंत्री की राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ यह पहली बैठक थी। पर्यटन की पिच से पता चलता है कि कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के बावजूद सरकार बेपरवाह बनी हुई है। आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पर्यटकों का पलायन शुरू हो गया है। इस बैठक में पुडुचेरी, कर्नाटक और केरल के दक्षिणी मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लिया। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के मुख्यमंत्री – एन चंद्रबाबू नायडू, एमके स्टालिन और रेवंत रेड्डी – मौजूद थे। जम्मू-कश्मीर के उमर अब्दुल्ला और हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सुखू भी बैठक में शामिल हुए।

पीएम मोदी ने केंद्र और राज्यों से ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए “टीम इंडिया” के रूप में मिलकर काम करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ आएं और टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए… हमारा लक्ष्य प्रत्येक राज्य को विकसित, प्रत्येक शहर को विकसित, प्रत्येक नगर पालिका को विकसित और प्रत्येक गांव को विकसित बनाना होना चाहिए। अगर हम इन दिशाओं में काम करेंगे तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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