राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश और प्रदेश के आदिवासी समाज एवं समस्त नागरिकों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ देश के उन प्रदेशों में शामिल है, जहां पर करीब 30.62 प्रतिशत आदिवासी निवासरत् हैं, जिन्होंने अपनी संस्कृति, विचारों, कला और मान्यताओं को सहेजा है। इनकी संस्कृति और परम्पराएं विशिष्ट हैं। आदिवासी समाज ने वास्तव में प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाई है। इन्हीं भावों के कारण ही आदिवासी समाज सहज रूप से समृद्ध हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज प्रारंभ से ही संस्कृति-परंपराओं एवं प्रकृति के संरक्षक रहा है। इतिहास गवाह है कि समय आने पर वे देश की रक्षा के लिए डटे रहे और अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया। आदिवासी समाज में शहीद बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर, रानी दुर्गावती, श्री रघुनाथ शाह, श्री शंकर शाह, श्री बादल भोई, टंटया भील जैसे महान लोग रहे हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दे दी। मैं सभी क्रांतिवीरों को इस अवसर पर नमन करती हूं।

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