इस्तांबुल भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन ने विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में देश के लिए इकलौता गोल्ड मेडल जीता। 25 साल की निखत ने फ्लाई वेट कैटेगरी (52 KG) के फाइनल में थाईलैंड की जुटामास जितपों को हराया। भारत की युवा मक्केबाज ने यह बाउट 5-0 से एकतरफा अंदाज में अपने नाम किया। भारत को महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप में 4 साल बाद गोल्ड मिला है। इससे पहले 2018 में एमसी मेरीकॉम चैंपियन बनी थीं।

भारत का अब तक का 10वां गोल्ड
भारत ने विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के इतिहास में 10वां गोल्ड मेडल जीता है। 6 गोल्ड मेडल अकेले एमसी मेरीकॉम ने जीता था। इन दोनों के अलावा देश के लिए सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी ने भी गोल्ड जीता है।

चैंपियनशिप के इतिहास में भारत तीसरा सबसे सफल देश
भारत ने इस बार 1 गोल्ड और 2 ब्रॉन्ज जीता है। अब तक हुए 12 टूर्नामेंट में भारत को कुल 10 गोल्ड, 8 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं। 37 मेडल के साथ भारत इस इवेंट का तीसरा सबसे सफल देश है। रूस ने सबसे ज्यादा 60 और चीन ने 50 मेडल जीते हैं। भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे।

पहले राउंड में जोरदार खेल, दूसरे में पिछड़ीं
निखत ने बाउट की शुरुआत शानदार अंदाज में की और पहला राउंड 5-0 के अंतर से अपने नाम किया। दूसरे राउंड में थाई मुक्केबाज ने वापसी की और इसे 3-2 से जीतकर मुकाबले में वापसी के संकेत दिए। निखत ने तीसरे राउंड में फिर से दमखम लगाया और इसमें जीत हासिल करते हुए बाउट को ओवरऑल 5-0 के अंतर से जीत लिया। यहां 5-0 का मतलब यह है कि मैच के सभी पांच लाइन जज ने निखत को ही विजेता माना।

हर बाउट में निखत की एकतरफा जीत
निखत पूरे टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में नजर आईं। इसका सबूत यह है कि उन्होंने सभी मुकाबले 5-0 से एकतरफा अंदाज में अपने नाम किए। राउंड ऑफ 32 में निखत ने मैक्सिको की फातिमा हेरेरा को हराया। राउंड ऑफ 16 में उन्होंने मंगोलिया की प्रतिद्वंद्वी को मात दी। क्वार्टर फाइनल में भारतीय मुक्केबाज ने इंग्लैंड की चार्ली डेविसन को हराया। इसके बाद सेमीफाइनल में ब्राजील की कैरोलिन डी अल्मेडा और फाइनल में थाईलैंड की जुटामास जितपों को हराकर गोल्ड मेडल देश के नाम किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here