मुख्यमंत्री ने कहा हमने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम 4 मई से शुरू किया, सरगुजा, बस्तर से होकर मोहला-मानपुर सहित अन्य जगह से होते हुए आपके पास आये हैं।

जब हम आ रहे थे तो गंध आ रही थी, पैरा जला रहे थे यह उचित नहीं है। आप लोग पैरा न जलाए, दिसंबर आधा बीत गया, पर ठंडी नहीं है, यह सब कार्बन उत्सर्जन के कारण हुआ है। प्रदूषण फैल रहा है।

पैरा जलाने का कोई फायदा नहीं है। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि आप पैरा दान करें।
– मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनते ही किसानों का कर्जा माफ किया। 19 लाख से ज्यादा किसानों का साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ हुआ। वे पहले कर्ज में डूबे रहते थे।

किसानों से जो वादा किया था, उसे घाटा सहकर भी हमने पूरा किया। 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदा।

केंद्र सरकार ने कहा कि समर्थन मूल्य से एक रुपये ज्यादा देंगे तो धान नही लेंगे, पर हमने अपना वादा पूरा किया और उसमें अडिग रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े नाला प्रोजेक्ट में किसानों के खेत डूब जाते हैं। हम छोटे-छोटे स्ट्रक्चर बना रहे हैं। इसके जरिए पानी रोक-रोक कर लाते हैं। इससे सतह पर पानी मिल जाता है साथ ही जल स्तर बढ़ता है।

पानी रोकने से जमीन में नमी बनी रहती है। आज जरूरी है कि सभी नरवा में पानी रोका जाए ताकि किसान के साथ पशु-पक्षी को पीने के लिए पानी मिले।

उन्होंने कहा कि हमने गाय की सेवा का कार्य किया है। हम गोमूत्र खरीद रहे हैं, गोबर खरीद रहे हैं।

गोबर और गोमूत्र खरीदने से जो तो दुधारू गाय नहीं है उन्हें भी लोग रख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गरवा की सेवा करना है । गोबर बेचना है तो उसे बांधकर रखना होगा, चारा खिलाना पड़ेगा, इसलिए आप सभी से निवेदन है कि पैरादान जरूर करें।

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