ब्यूरो चीफ अनिल सिंघानिया
थानखम्हरिया। कोर्ट ने आदेश दिया था। कि रात 10:00 बजे के बाद डीजे नहीं, बजेंगे लेकिन नगर में इसका उल्लंघन हो रहा है। वही कलेक्टर रणवीर शर्मा ने डीजे संचालक व भवन मालिकों की बेमेतरा कलेक्टर में बैठक आहूत की गई थी। सभी को समझाइस दी गई थी। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। आज भी वही तेज आवाज से नगर में व अन्य ग्रामीण अंचलों में लोगों का जीना हराम कर दिया है। तेज आवाज के कारण बुजुर्गों को हार्ट अटैक का खतरा और छात्रों को व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। जबकि कोर्ट का सख्त आदेश है, कि रात 10:00 बजे के बाद डीजे नहीं बजेगा। उसके बावजूद कानून व्यवस्था का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। वही नगर में देर रात्रि तक डीजे बज रहे हैं। वही मानक से कहीं ज्यादा कंपन और तेज ध्वनि से लोगों की परेशानी तकलीफ बढ़ रही है। नियमों अनुसार 65 डेसीबल से ज्यादा आवाज पर नहीं बजा सकते। लेकिन 100 से 120 डेसीबल तक डीजे बजाया जा रहे हैं। 120 डेसीबल या इससे ज्यादा का साउंड सिस्टम हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टर स्वदेश जायसवाल ने बताया डीजे की तेज आवाज से बहरापन, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, तेज सिर दर्द, ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, अटैक की आशंका बनी रहती है। नगर में डीजे की तेज आवाज से अनेक मरीज को आघात पहुंच चुका है। स्थानीय पुलिस को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। जबकि पर्यावरण विभाग द्वारा कलेक्टर एसपी को पत्र लिखकर साउंड पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए आदेश जारी किया है। शासन प्रशासन को इस ओर अंकुश लगाना अति आवश्यक है।