रायपुर- देश के अलग-अलग शहरों में सक्रिय ऑनलाइन ठग अब राजधानी के कारोबारियों के जीएसटी नंबर, दुकान के पते और फोन नंबरों से ठगी कर रहे हैं। ठग गैंग खरीदी-बिक्री की साइट में कारोबारियों की फर्म के नाम पर वेबसाइट बनाकर अलग-अलग सामानों की खरीदी पर 50 से 60 फीसदी तक छूट का ऑफर दे देते हैं। लोग झांसे में ऑनलाइन एडवांस जमा कर देते हैं।
7 दिनों के भीतर जब डिलवरी नहीं हो रही तब खरीदारी करने वाले साइट में दिए नंबर पर फोन करते हैं। लोगों के फोन पहुंचने पर कारोबारी को जानकारी हो रही है कि उनकी फर्म के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी की जा रही है। पुलिस में अब तक दो कारोबारी शिकायत कर चुके हैं।
कारोबारी चेतन्य ठक्कर का होलसेल का कारोबार है। डूमरतराई थोक बाजार में उनकी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान है। उनके पास 25 अप्रैल को फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि हमने ऑनलाइन लैपटॉप का ऑर्डर दिया है। एडवांस में 20 हजार रुपए पेमेंट किए हैं। अब तक लैपटॉप की डिलवरी नहीं हुई है।
चेतन्य ने कहा कि वे लैपटॉप का कारोबार ही नहीं करते हैं। वे अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान के कारोबारी हैं। अपनी दुकान के सामानों को लेकर भी उन्होंने कोई ऑफर नहीं चलाया है। उसके बाद उनके पास ऐसे कई कॉल आने लगे। वे परेशान हो गए। उन्होंने फोन करने वालों से कहा कि उन्होंने जो ऑफर वाला मैसेज देखा है वे उन्हें भेजें।
कारोबारी का पैन और आधार कार्ड से हैदराबाद में कारोबार सड्डू में रहने वाले ट्रांसपोर्ट कारोबारी अंकित बांगर से भी जालसाजी हो गई। जब वे आयकर रिटर्न जमा करने गए तो पता चला कि उनके नाम से हैदराबाद में एक कंपनी चल रही है। उन्होंने अपने सीए को जानकारी दी कि उनकी कोई कंपनी नहीं है। इसकी उन्होंने पड़ताल की तो जानकारी मिली कि उनके पैनकार्ड और आधार कार्ड का दुरुपयोग कर हैदराबाद में जीएसटी नंबर लिया गया है। जीएसटी के आधार पर वहां कारोबार किया जा रहा है। इसी तरह की जालसाजी निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉ. दीपक जायसवाल के साथ हुई है।