किसी राष्ट्र के वास्तविक निर्माता उस देश के शिक्षक की होती हैं। एक विकसित समृद्ध और हर्षित राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। भारतीय समाज में जहां शिक्षा को शरीर, मन और आत्मा के विकास का साधन माना गया है वहीं शिक्षक को समाज के समग्र व्यक्तित्व के विकास का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। उक्त बातें गेजामुडा में आयोजित संकुल स्तरीय शिक्षक अलंकरण समारोह में सहायक समन्वयक समग्र शिक्षा रायगढ़ श्री भुनेश्वर पटेल ने कही। विदित हो कि सहायक समन्वयक समग्र शिक्षा रायगढ़ द्वय श्री भुनेश्वर पटेल व श्री आलोक स्वर्णकार के मुख्य आतिथ्य, विकास खंड शिक्षा अधिकारी रायगढ़ श्री सी.के.धृतलहरे, सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी रायगढ़ श्री संजय पटेल, श्री अनिल कुमार साहू, बीआरसी रायगढ़ श्री मनोज अग्रवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य श्री परमानंद पटेल, विधायक प्रतिनिधि श्री लक्ष्मी नारायण पटेल, एसएमसी अध्यक्ष गेजामुड़ा श्री ओम प्रकाश पटेल के विशिष्ट आतिथ्य व गौरवमयी उपस्थिति में शनिवार 10 सितंबर को कार्यक्रम स्थल गेजामुड़ा संकुल केंद्र काशीचुंवाँ में संकुल स्तरीय शिक्षक अलंकरण समारोह का भव्य आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजा-अर्चन, डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छाया चित्र पर माल्यार्पण व राजकीय गीत अरपा पैरी के धार से किया गया। संकुल स्तरीय शिक्षक अलंकरण सम्मान समारोह के अभिनव पहल करने वाले सीएसी श्री भुवन पटेल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सम्मान और पुरस्कार उत्तम व्यवहार और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने का एक बेहतरीन माध्यम है जो हमें और बेहतर करने के लिए सतत सहित करता है। आज हम हमारे संकुल के ऐसे अनुशासित नवाचारी शिक्षकों को सम्मानित करने जा रहे हैं जिन्होंने संकुल स्तर पर अपने अभिनव प्रयास से ऐसे बेहतरीन विद्यालय व शैक्षणिक परिवेश शैक्षणिक गुणवत्ता के आदर्श प्रतिमान स्थापित किया है जो हम सभी के लिए अनुकरणीय हैं ऐसे शिक्षको का सम्मान करते हुए हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। एपीसी आलोक स्वर्णकार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक की जिम्मेदारी बहुत अधिक होती है क्योंकि उस पर ना केवल बच्चों का बौद्धिक नैतिक मनोवैज्ञानिक व शारीरिक विकास करने की महती जिम्मेदारी होती है अपितु बच्चों की सामाजिक चारित्रिक एवं सांवेगिक विकास की दोहरी जिम्मेदारी भी शिक्षक के मजबूत करने पर होती है। वहीं बीईओ रायगढ़ श्री सी.के.धृतलहरे ने कहा कि शिक्षक पालक बालक और समुदाय के बीच एक मजबूत सेतु की तरह कार्य करता है जिस पर विद्यालय और समुदाय को जोड़े रखते हुए बालक एवं विद्यालय के सर्वांगीण विकास की महती जिम्मेदारी होती है। एबीईओ द्वय श्री संजय पटेल व अनिल साहू ने कहा कि शिक्षक इसलिए पूजनीय है कि उस पर एक पालक तथा काउंसलर के रूप में बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए उसके कमियों को दूर कर उसके सकारात्मक पक्ष व प्रतिभा को निखारने का महती दायित्व होता है। संकुल प्राचार्य श्री परमानंद पटेल ने कहा कि संकुल स्तर पर अनुशासित व नवाचारी शिक्षकों का सम्मान कर हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उक्त कार्यक्रम संकुल केंद्र काशीचुंवाँ के तत्वाधान में हुआ। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन राज्यपाल पुरस्कार सम्मानित प्रधान पाठक श्री आशीष रंगारी द्वारा किया गया। संकुल परिवार की ओर से राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित श्री आशीष रंगारी को प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर, शिक्षा विभाग एवं समग्र शिक्षा रायगढ़ के अधिकारियों के कर कमलों द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

6 कैटेगरी के आधार पर चयनित शिक्षकों का हुआ सम्मान

जिले में शिक्षक सम्मान समारोह के इतिहास में सीएसी श्री भुवन पटेल द्वारा किया गया संभवत यह पहला अभिनव प्रयास था जिसमें संकुल स्तर पर विभिन्न 6 कैटेगरी के आधार पर आवेदन आमंत्रित कर 5 सदस्य कमेटी जिसमे संकुल प्राचार्य, संकुल शैक्षिक समन्वयक, वरिष्ठ व्याख्याता और सेवानिवृत्त प्रधान पाठकों द्वारा आमंत्रित आवेदन पत्रों, शिक्षकों द्वारा किए गए विशिष्ट कार्यों, आवश्यक दस्तावेजों का गहन आकलन कर, विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकुल स्तरीय शिक्षकों का चयन किया और उन्हें संकुल स्तर पर सम्मानित करने की अभिनव पहल की गई। चयन हेतु विभिन्न कैटेगरी यथा नियमित समय पालन कक्षा अध्यापन अनुशासन, कक्षा स्तर से निम्न स्तर वाले विद्यार्थियों को कक्षा स्तर तक लाने, नवाचार कबाड़ से जुगाड़, विद्यालय प्रबंधन, संकुल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, 5 वर्षों में सबसे अधिक शालेय कार्य दिवस में उपस्थिति जैसे क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों का चयन किया गया।

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