राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एकांकी नाटक का मंचन किया गया। जिसमें ज्वंलत समस्याओं जैसे पर्यावरण संरक्षण, महिला साक्षरता, सामाजिक बुराईयों का चित्रण कर समाज को इन बुराईयों से निजात दिलाने का संदेश दिया गया। एकांकी नाटक में सभी संभागों के 15 वर्ष से 40 वर्ष आयु वर्ग के कलाकारों ने हिस्सा लिया।
एकांकी नाट्क में सर्वप्रथम रायपुर संभाग के धमतरी जिला के कलाकारों के द्वारा खोज शीर्षक से अपनी प्रस्तुति दी गई। जिसमें महात्मा बुद्ध के सिद्धांतों पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। कांकेर जिला के कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा मे एकांकी ’हाय रे मोबाइल’ छत्तीसगढ़ी भाखा नंदावत है’’ की प्रस्तुति दी गई, जिसमें आज के युवा मोबाइल पर घंटों समय व्यतीत करते है। उनको मना करने पर गुस्सा होते है। यह छत्तीसगढ़ ही नहीं हर जगह होना आम बात हो गई है। इस पर प्रभावी प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा।
खैरागढ़ जिला ने ’कौन गलत’ शीर्षक से प्रस्तुति दी, जिसमें नारी पर होने वाले अत्याचारों को रोकने का संदेश दिया गया। मुंगेली जिला द्वारा ’’शिक्षित बालिका-सशक्त नारी’’ थीम पर एकांकी प्रस्तुति की गई, जिसमें बालिका शिक्षा और दहेज की सामाजिक बुराई का चित्रण किया गया। सरगुजा जिला के युवाओं के द्वारा मानव विकास और पर्यावरण थीम पर एकांकी प्रस्तुति की गई। एकाकी के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

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