केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सहकारिता आंदोलन को देशभर में सफल मॉडल बताया और कहा कि सभी राज्यों में से गुजरात ऐसा राज्य है जहां सहकारिता पूरी पारदर्शिता के साथ चलती है. यहां आयोजित ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारिता आंदोलन आजादी के समय से ही स्वावलंबन और स्वदेशी, इस दो स्तंभों के आधार पर, मोरारजी देसाई और सरदार पटेल ने गांधी जी के नेतृत्व में इसकी शुरुआत की थी.
गृह मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र का उद्घाटन करेंगे; इससे हमारी जमीन, पानी बचेगा, वायु प्रदूषण नहीं होगा, हमारे किसान स्वस्थ रहेंगे और परिवहन की कोई आवश्यकता नहीं होगी.”
उन्होंने आगे कहा, “सहकारिता के क्षेत्र से जुड़े लोगों की लंबे समय से ये मांग थी कि केंद्र सरकार में सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया जाए, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रांतिकारी कदम लेते हुए भारत सरकार में सहकारिता मंत्रालय की शुरुआत की. ये कदम आने वाले 100 साल तक सहकारिता आंदोलन में प्राण फूंकने वाला है.”
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे, जिन्होंने गांधीनगर के कलोल स्थित इफको में बने नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, “आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश पहले नैनो यूरिया लिक्विड प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद की अनुभूति करता हूं. अब यूरिया की एक बोरी की जितनी ताकत है, वो एक बोतल में समाहित है. नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी.”