कोरोना महामारी के बीच अब दुनिया पर एक और वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. यूरोप से लेकर अमेरिका तक मंकीपॉक्स का संक्रमण फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कहा कि वैश्विक रूप से महामारी के जोखिम का स्तर मध्यम है. एजेंसी ने आगे बताया कि यह पहली बार है जब मंकीपॉक्स के मामले व्यापक रूप से असमान भौगोलिक क्षेत्रों जैसे पश्चिम या मध्य अफ्रीका में फैले हैं. हालांकि, WHO ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि अगर वायरस खुद को मानव रोगजनक बना लेता है और कमजोर इम्यून वालों को संक्रमित करता है तो सार्वजनिक जोखिम का स्तर बढ़ सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जिस भी देश में मंकीपॉक्स वायरस के मामले मिले हैं उसने अपना स्वरूप नहीं बदला है. कहने का मतलब ये है कि जिन देशों में इस वायरस की उत्पत्ति हुई उन देशों और जहां ये वायरस फैला उन देशों में समान पाया गया है. इसके स्वरूप में कोई बदलाव नहीं पाया गया है. डब्ल्यूएचओ ने उन देशों को बचाव के लिए तत्काल कदम उठाने की सख्त हिदायत दी जिनमें ये वायरस नहीं फैला है.

गुरुवार तक आए आंकड़ों के मुताबिक 23 देशों में 257 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 120 संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट सामने आई है. ये सभी वह देश हैं जहां मंकीपॉक्स आम तौर पर नहीं पाया जाता. अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने शुक्रवार दोपहर तक आठ राज्यों में 12 मामले दर्ज किए.

डब्ल्यूएचओ में वैश्विक संक्रमण खतरों से निपटने के लिए बनाए गए कार्यदल की निदेशक सिल्वी ब्रायंड ने बताया कि हमारे पास मंकीपॉक्स को फैलने से रोकने का मौका है. अगर सही जगहों पर सही उपाय करें तो इसे स्थानीय स्तर पर ही रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि ये वायरस कोरोना वायरस की तरह फैल सकता है.

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि उसके मुकाबले कम तेजी से फैलता है. अभी व्यापक स्तर पर टीके लगाने की जरूरत नहीं है लेकिन संक्रमण वाली जगहों पर टीकाकरण किया जाना चाहिए. डब्ल्यूएचओ में चेचक सचिवालय के प्रमुख रोजमंड लेविस ने कहा कि संक्रमितों की जांच, उनके संपर्कों की निगरानी और होम आइसोलेशन जैसे उपाय इस बीमारी में भी सर्वाधिक प्रभावी होंगे.

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