लखनऊ । लखनऊ समेत देश के किसी हिस्से में रविवार को ईद का चांद नहीं दिखाई दिया। लखनऊ की मरकजी चांद कमेटी ने ऐलान किया है कि अब 3 मई को ईद मनाई जाएगी। सोमवार को 30वां रोजा है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और मौलाना सैफ अब्बास ने रविवार शाम को यह ऐलान किया।

रमजान के पवित्र महीने के बाद ईद मनाई जाती है। रोजेदार 30 दिन अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। ईद चांद के दिखने पर निर्भर करती है। ईद का यह त्योहार 3 दिन तक मनाया जाता है। महीने भर चलने वाला रमजान का उपवास ईद-उल-फितर के साथ खत्म होता है। यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए सबसे बड़े त्योहारों में से एक है।

पहला रोजा 2 अप्रैल को रखा गया था
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आज शव्‍वाल का चांद नहीं हुआ है। इसलिए सोमवार को 30वां रोजा है। इसके बाद ईद-उल-फितर 3 मई को होगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि ईदगाह लखनऊ में ईद की नमाज 3 मई को सुबह 10 बजे होगी। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सभी देशवासियों को ईद की मुबारकबाद दी है। इस बार पहला रोजा 2 अप्रैल को रखा गया था।

ईद की अलग ही अहमियत
इस्लाम धर्म में ईद की अलग ही अहमियत है। पूरे महीने रमजान के बाद ये दिन आता है। महीने भर अल्लाह की इबादत के बाद मुसलमान अपने इस त्योहार को बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है।

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