एक कार्यक्रम के दौरान रायपुर छत्तीसगढ़ पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सरकारी सम्पति नुकसान करने वालों को जमकर कोसा। उपराष्ट्रपति ने जनता की संपत्ति के नष्ट होने और सार्वजनिक व्यवस्था को चुनौती देने वाला बताते हुए कहा कि 1.4 बिलियन की आबादी वाले देश में हम सभ्यता के साथ जीवन जीते हैं, कुछ लोग सार्वजनिक व्यवस्था को चुनौती दे सकते हैं? जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करते हैं, उन्हें हम कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? छत्तीसगढ राज्य में भी, वंदे भारत पर आक्रमण किया गया। हम ऐसे उपद्रव और ऐसे तत्वों को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं? इन पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, और इन्हें वित्तीय रूप से जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
राज्य के हर युवा लड़का और लड़की का हक है कि वे इनका नाम ले और इन्हें शर्मिंदा करें। आज आपके पास सोशल मीडिया की शक्ति है। हम कैसे किसी नागरिक को यह अनुमति दे सकते हैं कि वह ट्रेन पर पत्थर फेंके, सरकारी भवन या सरकारी वाहन को आग लगा दे, या यहां तक कि निजी वाहन को भी? हम किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की कैसे अनुमति दे सकते हैं? और कैसे कोई राजनीतिक क्षेत्र में ऐसा करने वालों को समर्थन दे सकता है? सोच-विचार करने वाली युवा पीढ़ी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने की इस तरह की घ्नाओं को सम्मान न दें।