पिछले 43 दिनों में गांव के तीन परिवारों के 12 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत के बाद बड्डाल गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। अब इस गांव के लोग आगामी आदेश तक गांव से बाहर नहीं जा सकेंगे। सरकार खुद उनकी बुनियादी जरुरतों से जुड़े सामान गांव में ही मुहैया करवाएगी। । इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गठित अंतर मंत्रालयीय टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। टीम ने जम्मू और राजोरी में अफसरों के साथ बैठक कर घटनाक्रम की जानकारी ली। गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, बड्डाल में सेवाकार्य में सेना भी जुट गई है।
स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग जम्मू कश्मीर के सचिव डॉ. आबिद रशीद शाह ने टीम को पूरे घटनाक्रम और स्वास्थ्य विभाग की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। जम्मू में बैठक के बाद सभी प्रमुख अधिकारी केंद्रीय टीम के साथ राजोरी पहुंच गए। यहां शाम को केंद्रीय टीम ने स्थानीय जिला प्रशासन, स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना के बारे में उनसे भी जानकारियां लीं। केंद्रीय टीम में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, फूड सेफ्टी, कृषि, रसायन एवं उर्वरक, जल संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल हैं। टीम ने बड्डाल में हुई मौतों के कारणों की जांच करने के साथ ही भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए भी सुझाव दिया।
बड्डाल में लगातार हो रही मौतें पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग भी मान चुका है कि देश के प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में भेजे गए नमूनों की जांच में किसी तरह के संक्रामक रोग की पुष्टि नहीं हुई है। कुछ नमूनों में टॉक्सिन यानी जहरीला पदार्थ मिला है। इससे आशंका है कि सभी मौतें किसी जहर की वजह से हुईं। उधर, पुलिस आपराधिक पहलुओं पर जांच कर रही है। इसके लिए उच्च स्तरीय पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) लगाई गई है।
सेना ने टेंट, राशन और जरूरी सामान मुहैया कराए
बड्डाल में सेना भी सेवा कार्य में जुट गई है। सेना ने लोगों को टेंट, राशन, पानी और अन्य जरूरी सामान मुहैया करा रही है। स्थानीय निवासी मोहम्मद बशीर ने बताया कि सेना ने हमें 4-5 दिनों के लिए भोजन, पानी के साथ ही जरूरी सामान मुहैया कराया है। इस मुश्किल घड़ी में सेना की मदद के लिए हम आभारी हैं।