छत्तीसगढ़ में सायबर क्राइम की बढ़ती संख्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बार फिर यहां विशेषज्ञ की तुरंत नियुक्ति करने को कहा है. अगली सुनवाई 20 मार्च को निर्धारित कर इसी दिन नियुक्ति की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश केंद्र शासन को दिया है.

प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का कोई विशेषज्ञ नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है. चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा, जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने पिछले माह हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि यह गंभीर चिंता का विषय है. लगातार साइबर अपराध हो रहे हैं, इसलिए एक्सपर्ट की नियुक्ति जरूरी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल नियुक्ति के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में बताया कि देश भर में 16 जगह पर एक्सपर्ट की नियुक्ति की गई है जो केंद्र सरकार की तरफ से की जाती है. छत्तीसगढ़ में किसी एक्सपर्ट की नियुक्ति नहीं की गई है. कोर्ट ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का राज्य में कोई परीक्षक नहीं है. इस पर कोर्ट ने प्रतिवादियों को इस पद पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया था.

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में केंद्र के अधिवक्ता ने बताया कि अभी साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति नहीं की जा सकी है, इसके लिए कोर्ट के आदेश की जानकारी भेजी गई है. कोर्ट ने कहा कि, सायबर एक्सपर्ट की नियुक्ति हर हाल में की जाये. अगली सुनवाई तक यह जानकारी आनी चाहिये कि, किस सायबर एक्सपर्ट की नियुक्ति की गई है.

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