हडताल के कारण छात्र-छात्राओं के पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए जिले के अध्यापकों ने स्व-प्रेरणा से विभिन्न विद्यालयों में रिमेडियल कक्षायें लेना प्रारंभ किया है, जिसकी तारीफ कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा की गई तथा रिमेडियल क्लास लेने वाले सभी शिक्षको को शाबासी दिया। माह अगस्त में विभिन्न शासकीय अवकाश को ध्यान में रखते हुए बच्चों के आंकलन के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने जिले के शिक्षकों से अपील किया है कि अध्यापकगण शाला समय के अतिरिक्त स्व-प्रेरणा से जिले के प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में प्रातः काल अथवा सायं काल में अतिरिक्त समय निकालकर बच्चों के लिए रेमिडियल कक्षाओं का संचालन करें।
उल्लेखनीय है कि जिले के विभिन्न संस्थाओं में अध्यापकों द्वारा अतिरिक्त समय का उपयोग करते हुए रेमिडियल कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने इस पर प्रसन्नता जाहीर किया है। उन्होने ऐसे समस्त प्राचार्य एवं अध्यापकों को प्रोत्साहित करने की बात कही है। जिला शिक्षा अधिकारी भुवन जैन ने बताया कि जिले के कुछ प्राचार्यों ने रिमेडियल कक्षाओं का संचालन जुलाई माह से ही प्रारंभ कर दिया है तथा उनके द्वारा नियमित रूप से कक्षा का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत दिवस से विकासखंड कांकेर के स्वामी आत्मानंद उत्कृश्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नरहरदेव के अलावा शासकीय उच्चतरण माध्यमिक विद्यालय सिदेसर, मुरडोंगरी एवं कोदागांव के अलावा नरहरपुर विकासखण्ड में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जामगांव, स्वामी आत्मानंद उत्कृश्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नरहरपुर एवं सरोना, हाई स्कूल करप, चारामा विकासखंड के हायर सेकेण्डरी स्कूल गिरहोला, स्वामी आत्मानंद उत्कृश्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय चारामा, शासकीय हाई स्कूल करिहा, हायर सेकंडरी स्कूल मरकाटोला, कोयलीबेडा विकासखण्ड से स्वामी आत्मानंद उत्कृश्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय हरनगढ, हायर सेकंडरी स्कूल गोण्डाहुर तथा स्वामी आत्मानंद उत्कृश्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय अंतागढ़ इत्यादि स्कूलों में रिमेडियल कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिले के अन्य सभी विद्यालय के अध्यापक भी स्व-प्रेरणा से कार्ययोजना बनाकर अतिरिक्त समय का सदुपयोग करते हुए उपचारात्मक शिक्षण दें, इससे विद्यालय के छात्र-छात्राओं की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा तथा अन्य विद्यालय भी इससे प्रेरित होंगे। उन्होंने ऐसे स्व प्रेरित प्राचार्य एवं अध्यापकों की सूची जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये हैं।
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने ऐसे प्राचार्य एवं अध्यापकों की वर्चुअली बैठक नियमित रूप से आयोजित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर कार्यवाही किया जावे। जिले के माध्यमिक एवं हायर सेकंडरी स्तर के बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता के लिए अलग-अलग कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कैरियर गाईडेंस हेतु योग्य शिक्षक को प्रभारी बनाया जावे तथा साईंस, मैथ्स, कम्प्युटर लैब एवं लायब्रेरी का उपयोग नियमित रूप से किया जाय। सभी विद्यालय में स्कूल का डाटा सूचना पटल में प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिये गये हैं।

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